39 th full marathon 20 dec 2020
मेरी बेटी का इंदौर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन होगा तो मैं 42 km की marathon करूँगा।16 को उसका एडमिशन की खबर आई 17 और 18 को एडमिशन की प्रोसेस पूरी की और शनिवार को सोच लिया कि रविवार सुबह रन करनी है।बिल्कुल भी प्रेशर में नही था।रात को अच्छे से खिचड़ी खाकर सो गया 9.30 पर और सुबह 3.30 का अलार्म लगाया परंतु नींद 2 बजे रात्रि में ही खुल गयी।सुबह 3 केले खाये और 500 ml पानी पीया।
तैयार होते होते 3 बज गए ।ठंड बहुत थी इसलिए जैकेट और फुल स्लीव्स की इनर पहन ली।
38 मैराथन पहले कर चुका हूं इसलिए पुराना अनुभव काम आता है।सिर पर टाटा मुम्बई मैराथन का फ्लोरेसेंस बैंड पहन कर घर से निकला।3.32am पर सुबह एक सेल्फी पोस्ट की नेहरू स्टेडियम से और दौड़ चालू कर दी।एक पुलिस वैन ने हॉर्न बजाया की कौन है सुबह 3.32 पर मैंने इग्नोर कर दिया ।वो शायद समझ गए थे कि कोई सनकी रनर है ।
फिर 3.45 पर पलासिया पर कुत्ते पीछे पड़ गए एक पत्थर गलती से मिल गया उन्हें चमका कर भगाया।
साफ शहर का ये नुकसान है कही पर भी पत्थर नही मिलते है।मैं बगैर पानी की बोतल लेकर दौड़ रहा था सिर्फ एक फ़ोन और जेब मे कुछ टॉफियां और पल्स टॉफ़ी।विजयनगर से जाकर पलटा और फिर वापस नेहरू स्टेडियम आया 2 अमूल की छाछ के पैकेट पिये।फिर रीजनल पार्क की और निकल गया।सुबह पलासिया चौराहा,शिवाजी वाटिका चौराहा,नवलखा चौराहा और भंवरकुआं चौराहा राम राम करके पार किया बहुत रिस्की होते है ये चौराहे फ्लोरेसेंस कपड़े के कारण कार वाले और बड़े वाहनों को रनर दिख जाते है।ये मेरी पहली मैराथन है जो मैंने brts और पीटीसी पर दौड़ी।मुझे सुपर कॉरिडोर पसंद आता है क्योंकि वहाँ रात भर लाइट रहती है,कुत्ते नही है,चौराहे सिर्फ 2 है वहाँ भी ट्रैफिक नही।
खैर 8 के पेस में मजे में दौड़ता हुआ पीटीसी आया तो डॉ राजेन्द्र चौहान जी मिल गए 18 km हो चुका था।आराम से रन कर रहा था मैंने राजेन्द्र जी से कहा कि में स्लो रन करूँगा क्योकि 42 करना है।
फिर amvesh rajput मिल गए।नीरज याग्निक जी,अजय आनंद भैया,और पूरी जलेबी गैंग मिल गयी उससे जोश आया सभी ने मेरा जोश बढ़ाया।जब आप 42 करते हो तो लगता है कि क्यो ये पागलपन कर रहे हो परंतु जब हो जाता है तो लगता है कि ये पागलपन करते ही रहे।ये फिजियोलॉजिकल तो बिल्कुल नही है।नही करना चाहिए परंतु मजा बहुत आता है।
फिर पीटीसी में एक सर्किल के बाद 25 km दूसरे सर्किल में 35 हो गया नवलखा होकर आया 37 हो गया।फिर नेहरू स्टेडियम से 2.5 km पीटीसी तरफ गया और पलट के आया 42 कम्पलीट हो गया आखिरी के km 41 मैंने 6.26 और 200 मीटर 5 के पेस में स्प्रिंट करके खत्म किया।
5 घण्टे 40 मिनट में पूरी हुई मेरी ये मन्नत ।इसमें ब्रेक भी आ गए ।स्लो रन का फायदा ये होता है कि रिकवरी फ़ास्ट होती है।
ये दूसरी मैराथन है जिसे मैंने शूज के साथ पूरा किया।इसके पहले 3 वर्षो से बेयरफुट ही रन कर रहा था।
मेरे लिए 2020 की एक उपलब्धि है कि 1 मार्च से अभी तक 90%रन शूज के साथ कि है।एडिडास ashvirun शूज को थैंक्स।
इसके पहले कोई भी शूज इतने आरामदायक नही लगे।
पूरे रन में 2 लीटर इलेक्ट्रोल का पानी और 400 ml छाछ पी।100 चिक्की खाई,टॉफ़ी 6 से 7 पल्स 6 खाई।
बॉबी छाबड़ा जी ने 3 खजूर दिए थे धन्यवाद।
घर आकर एक कचोरी पोहा और जलेबीहमको सिर्फ राधे माँ के बारे में ही पता था सोचा ये भी है बता दूँखाई एक ग्लास ढूध लिया।फिर बाथ लेकर क्लीनिक गया कोई मरीज नही था फिर मेरी मम्मी से मिलने बड़े घर गया।घर आकर खाना खाकर सो गया।वो ही अपना शुद्ध शाकाहारी खाना।
शाम को ऐसा लग रहा था कि लेफ्ट फुट में प्लांटर fascitis जैसा दर्द था आज अभी 21 dec को 7.40 pm तक सब दर्द खत्म ।ये ही मजा है।फिटनेस का।एक बार वापस से सभी दोस्तों का तहेदिल से धन्यवाद जो मुझे उत्साहित करते है और प्रेरित भी करते है।
9826210372
dryvyas@gmail.com















Monday, December 21, 2020
39 th फुल मैराथन
Thursday, September 17, 2020
beginners no 1
सबसे पहले कोई भी व्यक्ति दौड़ने के लिए पूछे कि कैसे दौड़ना है,तो सबसे बड़ा सवाल ये आता है कि आप क्यो दौड़ना चाहते है?
सभी के दौड़ने शुरू करने के अलग अलग कारण हो सकते है ।कुछ को डॉक्टर ने कहा है इसलिए दौड़ना है,कुछ सिर्फ मैडल और टी शर्ट के लिए और सोशल मीडिया पर अपने फोटो के लिए दौड़ना चाहते है।कुछ सिर्फ इसलिये दौड़ना चाहते है उनका पड़ोसी या कोई मित्र दौड़ता है और वो बहुत खुश रहता है।कुछ सिर्फ अपने मम्मी पापा दौड़ते है इसलिए वो भी दौड़ना चाहते है।कुछ इसे अपना प्रोफेशन बनाना चाहते है और देश के लिए ओलंपिक में मैडल लाना चाहते है।
कहने का मतलब ये है कि सबका मकसद अलग है तो सभी को अलग अलग प्लान रखना चाहिए।दौड़ने वाले कि उम्र क्या है ये भी देखना जरूरी है।पहले का स्वास्थ्य कैसा है ।पहले कितना वाक या रन किया है।कोई हार्ट डिजीज तो नही है।कुछ जन्मजात बीमारियां होती है।इसलिए एक बार इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम करवा कर और अपना ब्लड प्रेशर चेक करवा कर दौड़ की शुरुआत करे तो बहुत अच्छा होगा।
सामान्यतः 150 मिनट का कार्डियो वर्कआउट एक सप्ताह में काफी होता है।
या 10000 कदम या 7 किलोमीटर या डेढ़ घण्टे वाक सामान्य व्यक्ति के लिए बहुत है।
अगर आप बिलकुल भी वाक नही करते है तो पहले वाक से ही शुरुवात करे कोई जल्दबाजी न करे।
उसके लिए सबसे पहले रात को जल्दी सोए और सुबह जल्दी उठे।और 20 मिनट से 30 मिनट तक वाक करे ।आपको 7 दिन में सिर्फ 3 दिन ही वाक करनी है।फिर धीरे धीरे अपनी वाक को बढ़ाते जाए ।
अब यहाँ पर उम्र का सवाल आएगा।कुछ लोग सिर्फ अपनी फिटनेस को मेन्टेन रखने के लिए वाक या रन करना चाहते है और कुछ अलग ही और ज्यादा करना चाहते है।
जो अपनी फिटनेस को मेन्टेन करना चाहते है उन्हें सिर्फ 10000 कदम ही चल ले तो काफी होगा।
जो अपना प्रदर्शन सुधारना चाहते है उन्हें व्यवस्थित ट्रेनिंग लेनी होगी।
उसमे 3 दिन वाक करे एक दिन योगा करे एक दिन साईकल चलाये या स्विमिंग करे और एक दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करे या तो घर मे ही करे या जिम जाकर करे।
एक चार्ट पोस्ट किया है नई रनर के लिए

Monday, September 14, 2020
38 th full marathon
आज की सबसे बड़ी स्ट्रेटेजी ये थी कि पूरा 42 k रन वाक करके किया।एक जैसा पेस था।8 का पेस था पूरे समय फिनिश भी 8 के पेस पर ही किया उसका फायदा यह हुआ कि थकान भी नही हुई ।पिछली 10 या इससेभी ज्यादा मेराथन मेंने बेयरफुट,या सैंडल से ,या स्किनर से की थी यह मेराथन मैंने शूज के साथ कि ।
ये मेराथन की भूमिका 5 दिन पूर्व ही बन गयी थी मेरी बेटी की neet की परीक्षा थी 13 को यानी कल मैंने सोचा था कि उसका पेपर अच्छा हुआ तो में 42 करूँगा।रात को 8 बजे के आसपास ही सो गया था 2 बजे नींद खुली तो बहुत तेज पानी आ रहा था।तो सोचा कि अब तो नही जाऊंगा।फिर साढ़े तीन बजे नींद खुल गयी तो तैयार होकर 4.30 पर घर से निकला।अपने आप को प्रेशर में लाने के लिए छोटा बांगड़दा से 4.50 पर एक सेल्फी और कमिटमेंट पोस्ट कर दिया।
सुबह 3 केले खाकर निकला था।कोई चाय कॉफ़ी नही।
फिर पूरी दौड़ में 1 gu जेल का पाउच
80 ग्राम की एक चिक्की
6 पल्स टॉफ़ी
एक फ्रूइटी 150 ml
3 लीटर पानी 4 निम्बू सहित और 15 gm रॉक साल्ट या senda नमक ।
32 km पर मेरी बेटी और वाइफ आ गए थे ।उन्होंने कुछ फोटो लिए।
एक 25 gm की पीनट टेस्टी भी ली।
घर आकर
एक ग्लास ढूध
आधी प्लेट उसल और एक कचोरी।फिर क्लिनिक चला गया।आकर एक पराठा,दाल चावल और 400 gm दही।
15 अगस्त को 42 किया था आज 14 sept को वापस 42 हो गया।परसो ही 21 किया था इसलिए अपनी बॉडी को रेस्पेक्ट करते हुए रन walk के साथ रन पूरा किया।स्ट्रेचिंग का समय नही था ।10.40पर रन पूरा किया और 11.45 पर क्लिनिक पहुच गया।अब करते रहेंगे स्ट्रेचिंग धीरे धीरे।
idbi दिल्ली मेराथन को क्विट किया था 23 km पर ।उसके बाद 1 माह में 2 मेराथन से काफी कॉन्फिडेंस बड़ा है।
आखिरी km 6.36 के पेस में किया।
Thursday, May 14, 2020
50 दिन में 6 किलो वजन कम किया 75 से 69
आज का ब्लॉग लिखने का मन काफी दिनों से चल रहा था ।मेरी उम्र अभी 57 वर्ष है।फिटनेस किसी उम्र की मोहताज नही है।2013 में पहली बार मैं फिटनेस की दुनिया मे सक्रिय हुआ उसके पहले भी में रेगुलर मॉर्निंग वॉक और स्विमिंग करता था परंतु वो सिर्फ थोड़ी बहुत फिटनेस के लिए।मेरा वजन 68 से 75 रहा है पिछले 35 वर्षों से ।अभी पिछले 7 वर्षों में 70 से 75 की रेंज थी ।मन मे एक ख्वाहिश थी कि कभी 70 के नीचे वजन जाए परंतु नही गया पिछले 6 से 7 वर्ष में।
उसके कुछ कारण थे मेरे हिसाब से जब हम ओवरट्रेनिंग करते है तो हम खाना भी ज्यादा खाते है।नमक भी ज्यादा लेते है ।तनाव और स्ट्रेस के कारण हमारे शरीर मे स्टेरॉइड ज्यादा रिलीज होते है वो नमक और पानी को रोकते है शरीर मे।
वजन घटाने के लिए मैंने 21 km की रनिंग 21 दिन और 30 दिन लगातार की 2017 और 2018 में परंतु वजन नही घटा।
अभी पिछले 50 दिन से लॉक डाउन है घर से बाहर नही निकलते है।बाहर की समोसा,कचोरी ,पोहा सब बन्द है ।घर का खाना खा रहे है ।ढूध दही बन्द कर दिया है।अंडे मीट मटन नही खाते है ।शुद्ध शाकाहारी हूँ।
केले बन्द है।
ये सब इसलिए बता रहा हु की काफी लोग वजन घटाना चाहते है परंतु घटता नही है।
अपने अनुभव से किसी को फायदा हो जाये इसीलिए ये लिख रहा हु।
अभी एक नया काम किया मैंने पिछले 50 दिनों से रोज 3 मिनट का प्लैंक कर रहा हु।सीढ़ी चढ़ना उतरना आजकल का मेरा मनपसंद वर्कआउट हो गया है ।मेरे घर की 40 सीढिया है आधे घण्टे में 1000 सीढ़ी चढ़ना और 1000 उतरना कर लेता हूं साथ मे मोबाईल देखते हुए ।कभी चाणक्य देखते हुए कभी पेपर पढ़ते हुए मोबाईल पर।
सीढ़ी चढ़ना और उतरना से 30 min में 500 cal जलती है।
30 min दौड़ने पर 300 कैलोरी
30 min चलने पर 150 कैलोरी
इसके अलावा मैंने अभी काफी बार 5 -5 किलो के डंबल से वेट ट्रेनिंग की है।वेट ट्रेनिंग से वजन घटता है।
आखिरकार आज शाम को मेरा वेट 69.2 kg आया तो मेरी खुशी का ठिकाना नही रहा ।
दो माह पूर्व 74 से 75.5 के बीच मे वजन चल रहा था।
एक काम और किया मैंने की सुबह उठते ही मैं नाश्ता करता था।वो मैंने अभी बन्द कर दिया और जब एक दो घण्टे बाद भूख जैसा फील होता है जब ही नाश्ता करता हु।
अभी 50 दिन में यह सीखा की कितनी ही बार हमें जरूरत नही होती है खाने की और हम खा लेते है।जैसे कि लंच टाइम,डिनर टाइम ,शाम को टी टाइम ।
अभी पिछले 50 दिनों में टारगेट रखा कि जब भूख लगेगी जब ही खाना खाएंगे।वो भी कम से कम ।
अब मेरा पेट को आदत लग गयी है कम खाने की ।
मुझे उम्मीद है कि मेरे अनुभव से सभी फायदा उठाएंगे और अपना वजन कम करेंगे।इतना मुश्किल नही है वजन कम करना।
वजन कम करने के फायदे बहुत है।डायबिटीज,हार्ट अटैक,स्ट्रोक,कैंसर,गठिया,आर्थराइटिस,एक्सीडेंट,आदि बीमारियां से बचाव हो सकता है।
एक और बात बताना भूल गया पानी बहुत पिये कम से कम 4 से 5 लीटर पानी।
मेरा टारगेट 65 kg का है।
वजन घटाना तो सरल है परंतु उसे मेंटेन करना उतना ही मुश्किल है।
क्रैश डाइटिंग के कोई फायदे नही है अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर ही वजन को स्थिर रख सकते है।इस पोस्ट को लिखने में 30 मिनट लगे है अपने आसपास के लोगो को जरूर फारवर्ड करे जिससे कि सभी मेरे अनुभवों का फायदा उठा सके।
डॉ योगेंद्र व्यास
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