42 nd full marathon in 9 yrs
27 मार्च को मुझे idbi दिल्ली की मैराथन दौड़ना थी ।परंतु इंजरी के कारण निर्णय लिया कि इंदौर में ही दौडूंगा।मेरा टारगेट 4.30 का था idbi दिल्ली का फॉर्म भरा जब क्योकि मुझे कामरेड मैराथन के लिए क्वालीफाई करना था।
परंतु 29 nov को जब 12 घण्टे की रन की थी उस समय से ही मुझे लेफ्ट फुट में tendoachilis में मोच की शंका हो गयी थी ।मैंने garmin की वर्चुअल ट्रेनिंग sub 2 के लिए ली थी 4 माह पूरी ईमानदारी से ।उसमे वीक में 2 बार और कभी कभी 3 बार 800 मीटर के इंटरवल ट्रेनिंग थी।उससे ही मुझे इंजरी हुई।इंटरवल ट्रेनिंग वीक में एक बार ही करनी चाहिए।
इंजरी का कारण
too early
too fast
ही होता है ज्यादातर बार।
करीब 45 दिन तक मैंने साइकिलिंग की और दौड़ को पूरा आराम दिया।रिकवरी के लिए रेस्ट से बढ़कर कोई चीज नही है।साइकिलिंग और स्विमिंग बहुत अच्छी होती है इंजरी टाइम में।
मैं बगैर दौड़ के बहुत परेशान था कि क्या में अब कभी नही दौड़ पाऊंगा क्या।इवन सपने में एक बार 8 km रन किया तो सपने में ही खुश हो गया कि मैं दौड़ पा रहा हूँ।
जब नही दौड़ पा रहा था उस समय भगवान से यही मांग रहा था कि भगवान भले ही 10 के पेस में जॉगिंग करवा दे जिंदगी पर jogg करके ही खुश हो जाऊंगा।
वैसे मुझे पूरा विश्वास था कि रनिंग में इंजरी होना ही है जब भी आप टारगेट रखोगे तो।
टारगेट होता है तो आप थोड़ा ज्यादा प्रयास करते है और उसके कारण ही इंजरी होती है।
मेरे दोस्त डॉ गुरुवचन टुटेजा हड्डी रोग विशेषज्ञ से मिला।उन्होंने एग्जामिनेशन करके बताया कि इंजरी नही है विटामिन b12 करवाओ और विटामिन डी की जांच कराओ।
जांच करवाई तो vitamin b12 80 आया जो 200 से 1000 होता है।
साथ मे b12 के 5 इन्जेक्शन भी दिए और कुछ टैबलेट भी दी।
2 इन्जेक्शन लगाने के बाद ही सुधार होने लगा और में 21 km दौड़ लिया उसके एक संडे बाद एक बार 21 और दौड़ लिया
20 मार्च को भी 17 दौड़ लिया तो फिर सोचा कि इंदौर में ही साढ़े 4 नही तो 6 घण्टे में ही 42 km रन करूंगा।
सामान्यत में सुपर कॉरिडोर या पीटीसी या brts पर 42करता हूं।परंतु डॉ जितेंद्र बरानिया ने कहा कि मलहरश्रम पर सुबह 4 बजे से दौड़ेंगे।उनके कारण ही पिछले 8 वर्षों बाद मैने मलहरश्रम पर 42 km की रन की ।शुरू में जब दौड़ना चालू किया था 2013 अक्टूबर को जब वहां dec 2013 को 2 संडे 42km की रन की थी।
एक और बात इस बार asics gt 2000 शूज के साथ 42 की।पिछले 5 से 6 वर्ष में पहली बार है कि मैने शूज के साथ 42 km की रन की अन्यथा में विब्राम,लूना सैंडल,बेयरफुट,पैरो पर dynaplast के पट्टे लगाकर ही 42 दौड़ता था।
इसमें राजेश पोरवाल जी का काफी साथ रहा उन्होंने अपने gt2000 शूज ट्रायल के लिए मुझे दिए थे।
27 तारीख के लिए मस्तानसिंघ राजपूत जी ,देवराज पाटीदार जी ने हाँ कर दी थी।फिर शिशुपाल यादव और राजेश खण्डेलवाल भी अपनी पहली मैराथन के लिए आने वाले थे।
सुबह 2.40 पर उठा और एक बेसन का चीला और कॉफ़ी पी कर घर से 3.35 पर निकल गया ।मलहरश्रम में राजपूत जी,पाटीदार जी और शिशुपाल और प्रिंस दुबे पहले से ही आ गए थे।हम सब ने फ़ोटो लिए और ग्रुप में पोस्ट कर दिए।5 रनर्स अगर एक साथ 42 दौड़ना चालू करे तो सबको एक दूसरे से प्रेरणा मिलती है और फिर दौड़ते रहते है।
10 बजे मेरी दौड़ खत्म हुई ।9 बजे से 10 बजे के समय धूप बहुत तेज हो गयी थी पारस जैन ने पूरा साथ दिया और 42 km रन करवा दी।उसके पहले संजय तहिलियानी मेरे लिए पानी लेकर आये,अखिलेश जैन और गुरुदत्त शर्मा भी आ गए थे ।एक इवेंट जैसा लग रहा था।6 लीटर पानी,6 इलेक्ट्रोलाइट के कैप्सूल,15 खजूर,1 केला,8 फ़ास्ट एंड अप की गोली ली।पल्स की 6 से 7 tab ली
घर आकर केला,ढूध,और whey प्रोटीन का शेक लिया।2 बजे एक शादी अटेंड की रात को रिसेप्शन भी अटेंड किया ।ये इसलिए बता रहा हु की स्लो रन करने से रिकवरी भी फ़ास्ट होती है और इंजरी से भी बचते है।मलहरश्रम में रन करने का फायदा ये रहता है कि हर 3 km पर क्लोक वाइज और एन्टी क्लोक वाइज रन जब करते है तो हम रनर्स एक दूसरे को देखते हुए मोटीवेट होते है।घर से जब सुबह निकला उस समय मेरा वजन 73 था और 42 करके जब वापस आया 10 बजे तो भी 73 था।कहने का मतलब ये है कि अभी गर्मी के सीजन में रनिंग में डिहाइड्रेशन का खतरा बहुत होता है 6 लीटर पानी पसीने से और अपनी सांस के साथ बाहर निकला
आप सबका धन्यवाद इसे पढ़ने के लिए।मेरे बाकी ब्लॉग भी आप पढ़ सकते है ।इस लिंक पर जाकर
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