पिछले 3 वर्ष के रनिंग के खट्टे मीठे अनुभव को शेयर कर रहा हु।क्या क्या गलतियां की और क्या क्या भूल हुई अपनी क्षमताओं को आंकने की ।
अगस्त 2022 में राजेश पोरवाल जी से कह दिया था कि मुझे इस बार 2023 मे कामरेड में दौडना है आप जब भी रेजिस्ट्रेशन खुले बताना पोरवालजी ने गाइड किया और फार्म भर दिया ।अब सुपारी दे दी तो तैयारी भी चालू कर दी।मेरा 2018 में मैराथन का बेस्ट समय 4.53 hr था ।कामरेड क्वालीफाई करने के लिए 4.50 hr लगता है । मुझे भरोसा था कि मैं क्वालीफाई हो जाऊंगा परंतु नियति को कुछ अलग ही मंजूर था मुम्बई मैराथन 2023 में 5.24 और इन्दौर मैराथन में 5.20 समय रहा 42 km का
इन्दौर मैराथन 20 से 25 दिन के गैप में मुंबई मैराथन के बाद सबने मना किया था परंतु मुझे लगा कि इन्दौर होम पिच है तो कुछ जादू हो जाएगा।
मुम्बई मैराथन लूना sandal से और इन्दौर मैराथन बेयरफुट की पट्टे बांधकर dynaplast के साथ
खैर ,दिमाग के सारे जाले साफ हो गए कि अभी और ट्रेनिंग लेना पड़ेगी।अभी भी कच्ची गोटी है।
फिर चिढ़ कर ऑनलाइन ट्रेनिंग लेना चालू की हाल की उसमे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से प्रोग्राम होता है।मेरी गलती ये हुई कि मैने उसमे एडवांस प्रोग्राम ले लिया बोस्टन वाला जबकि मुझे इजी प्रोग्राम लेना था ।
एडवांस प्रोग्राम में 7 दिन में 6 दिन हैवी वर्कआउट था
फरवरी में 161,मार्च में 194,अप्रैल में 257 km की रन ने प्लांटर fascitis दे दिया उसके बाद मई जून से रनिंग बन्द कर दी और साइकिलिंग जिम पर फोकस किया ।कभी कभी दौड़ लेते थे तो अगले दिन दर्द होता था।प्लांटर fascitis के सभी इलाज किये किसी से आराम नही हुआ 2 मई को डॉ गुरवचन टुटेजा जो हड्डी के डॉक्टर है और 40 वर्षो से मेरे जिगरी यार है ने प्लांटर में इंजेक्शन लगाया।लगाते समय और 2 दिन तक दर्द हुआ उसके बाद दर्द कम होता गया।बहुत बहुत धन्यवाद डॉ टुटेजा(राजू भाई)इस दर्द से मुक्ति दिलाने के लिए।
फिर 19 मई और 26 मई को रालामंडल पर 12 -12 km की रन की तो पैरों को और अच्छा आराम मिला इसकी क्रेडिट में रजनीश शर्मा को दूंगा और देवराज पाटीदार जी को दोनों ने रालामंडल के लिए प्रेरित किया।मुझे भी लगा कि रालामंडल रन से पैरों की मसल्स मजबूत होती है और जो मामूली दर्द बचा था प्लांटर का वो भी खत्म हो गया ।कहते है कि इंजेक्शन के एक से 3 माह में दर्द वापस शुरू हो सकता है 1 माह तो हो गया है।अब ओवर वर्कआउट नही करूँगा।
too early and too fast will lead to injury
ये पूर्णतः सही है।अब क्वांटिटी पर नही क्वालिटी पर फोकस करूँगा ।इतने सालों बाद समझ मे आया कि रोज 10 -10 kmदौड़ने की जरूरत ही नही होती है।
प्लांटर का फायदा ये हुआ कि wt ट्रेनिंग करने लग गया नियमित तौर पर 7 दिन में 2 दिन जिम जाने से।
मुझे जिम के लिए प्रेरित करने में वरुण बोकाड़िया और डॉ हरिप्रसाद यादव जी ,डॉ गजेंद्र पुष्पकार ,रजनीश शर्मा की बहुत भूमिका रही।
मीना शर्मा मैडम हमेशा मोटीवेट करती रहती है।
अब तो मै सारे रनर को कहूंगा कि वो 7 दिन में एक दिन और हो सके तो 2 दिन जिम जरूर करे।
होम जिम घर पर भी बना सकते है 1500 में सेट मिल जाता है अमेज़न से।
5 -5 किलो के dumbbell से भी वर्कआउट हो सकता है और कुछ न हो तो इंटर लॉकिंग टाइल्स या 2 -2 लीटर की पानी की बोतल से या उसमे रेत भर के भी वर्कआउट कर सकते है घर पर ही
lunges,
plank
squats
situp
pushup घर पर आराम से हो जाते है।
एक और बात वर्कआउट के पहले और बाद में स्ट्रेचिंग बहुत जरूरी है।वार्मअप कूल डाउन नही करते है तो भी इंजरी के चांस होते है।
एक और बात 1 वर्ष से मेरा बेयरफुट रनर का चस्का छूट गया भले ही प्लांटर के कारण हो।
प्लांटर के कारण शूज से ही रन शुरू कर दिया है ।स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और स्ट्रेचिंग से अब रनिंग के बाद दर्द नही होता है।
बेयरफुट अच्छा है परंतु उसके कारण पैरों में कंकड़ पथ्थर से परेशान हो जाता था।
बेयरफुट से मुक्ति प्लांटर fascitis ने ही दिलवाई मजबूरी में ही शूज पहनना चालू किया और अब सेट हो गए है
हमे रनिंग में वैरायटी लाना चाहिए ,कभी एलएसडी करो 140 के अंदर हार्ट रेट के साथ,कभी इंटरवल ट्रेनिंग करो,कभी हिल रन,कभी टेम्पो रन,और कभी कभी 50 से 60 मीटर के स्प्रिंट
ये ब्लॉग लिखने का कारण ये है कि जो गलतियां मैंने की उसे कोई दूसरा न करे।
Nice 🙂👍
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