Monday, December 21, 2020

39 th फुल मैराथन

39 th full marathon 20 dec 2020
मेरी बेटी का इंदौर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन होगा तो मैं 42 km की marathon करूँगा।16 को   उसका एडमिशन की खबर आई 17 और 18 को एडमिशन की प्रोसेस पूरी की और शनिवार को सोच लिया कि रविवार सुबह रन करनी है।बिल्कुल भी प्रेशर में नही था।रात को अच्छे से खिचड़ी खाकर सो गया 9.30 पर और सुबह 3.30 का अलार्म लगाया परंतु नींद 2 बजे रात्रि में ही खुल गयी।सुबह 3 केले खाये और 500 ml पानी पीया।
तैयार होते होते 3 बज गए ।ठंड बहुत थी इसलिए जैकेट और फुल स्लीव्स की इनर पहन ली।
38 मैराथन पहले कर चुका हूं इसलिए पुराना अनुभव काम आता है।सिर पर टाटा मुम्बई मैराथन का फ्लोरेसेंस बैंड पहन कर घर से निकला।3.32am पर सुबह एक सेल्फी पोस्ट की नेहरू स्टेडियम से और दौड़ चालू कर दी।एक पुलिस वैन ने हॉर्न बजाया   की कौन है सुबह 3.32 पर मैंने इग्नोर कर दिया ।वो शायद समझ गए थे कि कोई सनकी रनर है ।
फिर 3.45 पर पलासिया पर कुत्ते पीछे पड़ गए एक पत्थर गलती से मिल गया उन्हें चमका कर भगाया।
साफ शहर का ये नुकसान है कही पर भी पत्थर नही मिलते है।मैं बगैर पानी की बोतल लेकर दौड़ रहा था सिर्फ एक फ़ोन और जेब मे कुछ टॉफियां और पल्स टॉफ़ी।विजयनगर से जाकर पलटा और फिर वापस नेहरू स्टेडियम आया 2 अमूल की छाछ के पैकेट पिये।फिर रीजनल पार्क की और निकल गया।सुबह पलासिया चौराहा,शिवाजी वाटिका चौराहा,नवलखा चौराहा और भंवरकुआं चौराहा राम राम करके पार किया बहुत रिस्की होते है ये चौराहे फ्लोरेसेंस कपड़े के कारण कार वाले और बड़े वाहनों को रनर दिख जाते है।ये मेरी पहली मैराथन है जो मैंने brts और पीटीसी पर दौड़ी।मुझे सुपर कॉरिडोर पसंद आता है क्योंकि वहाँ रात भर लाइट रहती है,कुत्ते नही है,चौराहे सिर्फ 2 है वहाँ भी ट्रैफिक नही।
खैर 8 के पेस में मजे में दौड़ता हुआ पीटीसी आया तो डॉ राजेन्द्र चौहान जी मिल गए 18 km हो चुका था।आराम से रन कर रहा था मैंने राजेन्द्र जी से कहा कि में स्लो रन करूँगा क्योकि 42 करना है।
फिर amvesh rajput मिल गए।नीरज याग्निक जी,अजय आनंद भैया,और पूरी जलेबी गैंग मिल गयी उससे जोश आया सभी ने मेरा जोश बढ़ाया।जब आप 42 करते हो तो लगता है कि क्यो ये पागलपन कर रहे हो परंतु जब हो जाता है तो लगता है कि ये पागलपन करते ही रहे।ये फिजियोलॉजिकल तो बिल्कुल नही है।नही करना चाहिए  परंतु मजा बहुत आता है।
फिर पीटीसी में एक सर्किल के बाद 25 km दूसरे सर्किल में 35 हो गया नवलखा होकर आया 37 हो गया।फिर नेहरू स्टेडियम से 2.5 km पीटीसी तरफ गया और पलट के आया 42 कम्पलीट हो गया आखिरी के km 41 मैंने 6.26 और 200 मीटर 5 के पेस में स्प्रिंट करके खत्म किया।
5 घण्टे 40 मिनट में पूरी हुई मेरी ये मन्नत ।इसमें ब्रेक भी आ गए ।स्लो रन का फायदा ये होता है कि रिकवरी फ़ास्ट होती है।
ये दूसरी मैराथन है जिसे मैंने शूज के साथ पूरा किया।इसके पहले 3 वर्षो से बेयरफुट ही रन कर रहा था।
मेरे लिए 2020 की एक उपलब्धि है कि 1 मार्च से अभी तक 90%रन शूज के साथ कि है।एडिडास ashvirun शूज को थैंक्स।
इसके पहले कोई भी शूज इतने आरामदायक नही लगे।
पूरे रन में 2 लीटर इलेक्ट्रोल का पानी और 400 ml छाछ पी।100 चिक्की खाई,टॉफ़ी 6 से 7 पल्स 6 खाई।
बॉबी छाबड़ा जी ने 3 खजूर दिए थे धन्यवाद।
घर आकर एक कचोरी पोहा और जलेबीहमको सिर्फ राधे माँ के बारे में ही पता था सोचा ये भी है बता दूँखाई एक ग्लास ढूध लिया।फिर बाथ लेकर क्लीनिक गया कोई मरीज नही था फिर मेरी मम्मी से मिलने बड़े घर गया।घर आकर खाना खाकर सो गया।वो ही अपना शुद्ध शाकाहारी खाना।
शाम को ऐसा लग रहा था कि लेफ्ट फुट में प्लांटर fascitis जैसा दर्द था आज अभी 21 dec को 7.40 pm तक सब दर्द खत्म ।ये ही मजा है।फिटनेस का।एक बार वापस से सभी दोस्तों का तहेदिल से धन्यवाद जो मुझे उत्साहित करते है और प्रेरित भी करते है।
9826210372
dryvyas@gmail.com















No comments: