Thursday, November 25, 2021

41 st फुल मैराथन और 12 घण्टे की चौथी अल्ट्रा


21 nov 2021 की 4 th 12 hr रन और मेरी 41 st फुल मैराथन
ये ब्लॉग लिखने का एक ही मकसद है कि अपनी गलतियों से हम सबक ले।गलतियां तो होनी ही है।
कुछ नए नए एक्सपेरिमेंट करने जाओगे तो अच्छे और बुरे अनुभव तो होंगे ही।
इस बार मैंने 12 घण्टे  रन की कोई तैयारी नही की थी ।15 अगस्त को 42 km रन किया था।उसके बाद कोई भी 25km से बड़ा रन नही किया था ।ये सबसे बड़ी गलती थी ।मेरा वीकली माइलेज 20 से 25 km था ।क्योंकि में garmin कोच की ट्रेनिंग ले रहा था उसमें 3 दिन ही वर्कआउट मिलता था।
खैर ये मेरा दुस्साहस था की बगैर प्रैक्टिस के 80 kmरन करने का टारगेट ले लिया।
इस बार मैंने सोचा कि हाइड्रेशन बैग लेकर रन करू ।2 लीटर पानी मे 8 tab fastandup की डाल ली।और साल्टेड रोस्टेड बादाम पॉकेट में रख लिए।और अमूल चीज क्यूब।
2019 में मैंने शुरू से ही 300 रन और 100 मीटर वाक का प्लान किया था और आखिरी के 4 घण्टो में 300 मीटर वाक और 100 मीटर रन।उसके कारण 76 km रन हो गयी थी।
इस बार पानी भी था राशन भी था तो 20 km तक नॉन स्टॉप दौड़ लिया।।जबकि 12 घण्टे की रन में रन वाक स्ट्रेटेजी ही सही रहती है।
बादाम और अमूल चीज के कारण पेट गड़बड़ होने लगा  और कम से कम 5 बार टॉयलेट जाना पड़ा।ये भी एक बहुत बड़ी गलती थी ।सभी एक्सपर्ट यही कहते है कि इवेंट में नया कुछ भी try मत करो ।ये रूल ही सही है ।मैंने प्रैक्टिस में कभी रोस्टेड बादाम और अमूल चीज क्यूब नही लिए थे।
एक और ब्लंडर रेडबुल और कोक का लेना।इनसे स्टिमुलेशन तो मिलता है परंतु इससे diuresis होती है।
बार बार पेशाब आना ।इससे नुकसान दो तरफा होता है एक तरफ आपको dehyration हो रहा है और पेशाब hypertonic सोलुशन के कारण बार बार और क्लियर आती है।उससे false sense of security लगती है कि हमे पानी की कमी नही है जबकि ये  ड्रिंक dehydration कराते है।12 घण्टे रन के बाद ब्लड टेस्ट करवाया था उसमें भी सोडियम 131 और पोटैशियम 6 आया।

ये पैराग्राफ 27 nov 2021 को जोड़ रहा हु।आज वापस ब्लड टेस्ट करवाया 

serum cpk 3300 से घटकर आज 140 नार्मल रेंज में आ गया । creatinine भी नार्मल ।डॉ अरुण अग्रवाल सर और डॉ हरिप्रसाद जी ने चिंता जाहिर की थी इसलिए आज वापस जांच करवाई।
शरीर मे नमक की कमी हुई कोक और रेडबुल से कभी नही पीना चाहिए।
हमे उपमा,पोहा,खिचड़ी,सैंडविच,केला ,चिप्स,खजूर पर ही निर्भर  रहना चाहिए।
साढ़े 10 बजे से 4 बजे तक धूप इतनी तेज थी कि दौड़ते नही बन रहा था।सभी volunteers के  कारण ही दौड़ पूरी हो पाई।1 बजे से 2 बजे जब जोश खत्म हो रहा था अजय झांग जी ने माइक संभाला और फिर रनिंग कमेंट्री करते रहै और डांस भी करते रहे।जिससे हम 12 घण्टो वालो का जोश बना रहा।इवेंट में 12 बजे के बाद सिर्फ 25 रनर ही बचे थे ट्रेक पर।वैसे समय पर हम 25 लोगो के लिए पूरी टीम लगी हुई थी।
4 से 5 में जब एलीट रनर आये तो मजा आ गया मनीष गौड़,शिवानी,और राजेश पोरवाल जी को लाइव देखने मे आनंद आ गया।आखिरी के घण्टे में डॉ टुटेजा आ गया उसने और मेघना और हेमा ने आखिरी घण्टे की रन को पूरा करवा दिया ।
अखिलेश,ज्योतिर,संजय तहिलियानी लगातार पूछ रहे थे कुछ चाहिए तो नही न।
सुरेश लाहोटी जी ने बहुत सेवा की आइस वाले स्पंज से गिला किया ।
राहुल भी लगातार ध्यान रख रहा था।सभी लोगो के प्रोत्साहन के कारण ही 12 घण्टे की रन होती है।
आखिरी के दो km का पेस 5.59 और 5.21 रहा ।फिनिश हमेशा स्ट्रांग करना चाहिए वो किया।पोडियम पर जाकर ट्रॉफी ली जय श्रीराम का उद्घोष किया सभी ने ।मैंने भी जय श्रीरामजी की कहा।मैं एग्जॉस्ट हो चुका था हेमा को कहा कि कार ले आओ जल्दी से घर चलना है जब तक हेमा कार लेकर आई में इतना disoriented हो चुका था कि गेट किधर है कैसे बाहर जाना है।ये एक 2 मिनट रहा फिर बाहर आ गया बाहर कंक्रीट गिट्टी पड़ी थी मै बेयरफुट था तो कुछ रनर ने कहा कि आप को उठा लेते है मैंने कहा कि बेयरफुट वाले को ये सब झेलना ही पड़ता है ।20 मिनट में घर पहुचा जैसे ही कपड़े चेंज किये  बहुत तेज ठंड लगने लगी।बगैर नहाए 2 घण्टे बिस्तर में रहा जब ठंड कम हुई तब थोड़ा सा ढूध पिया ।थकान के कारण नींद लग गयी ।सुबह 5 बजे  अच्छे से नाश्ता किया ।
2 दिन तकलीफ हुई ।काम पर तो सोमवार को ही चला गया था।
बुधवार को कल 24 km साईकल चलाई आज गुरुवार को पूर्णतया स्वस्थ हो गया हूं।
hr भी अब नार्मल हो गयी है।सीरम cpk की जांच करवाई थी जो 100 के आसपास होनी चाहिए वो 3000 आयी।सीरम क्रिएटिनिन भी 1.5 आया।
पोटैशियम 6 और सोडियम 131
मुझे 2019 की अल्ट्रा के बाद भी ये लक्षण आये थे।इसलिए इस बार सोच रखा था कि इवेंट के बाद ब्लड टेस्ट करवाऊंगा।
हमे मैराथन और अल्ट्रा को कभी कभार ही दौड़ना चाहिए।

2017 में पहली बार शिवाजी पार्क की  अल्ट्रा मैराथन में भाग लिया था उस समय 68 km रन किया था।उसके बाद 2018 और 2019 कि इंदौर में 15 अगस्त की तिरंगा रन में भाग लिया था 68 और 76 km रन की थी 12 घण्टे में।इस बार रन में मुझे आदरणीय स्व डॉ बी आर पारिख सर बहुत याद आये।2019 में सर ने ही सभी फ्लैग ऑफ किये थे।

साल में एक अल्ट्रा एक फुल मैराथन बहुत होती है।
ये भी advisable नही है।फिटनेस के लिए 20 मिनट की जॉगिंग ही बहुत है।
मेरक मकसद होता है कि हम दौड़ेंगे तो लोग हमें देखकर थोड़ा  बहुत तो दौड़ ले और स्वस्थ रहे।
धन्यवाद ।इतना बड़ा ब्लॉग पढ़ने के लिए
dryvyas@gmail.com
9826210372

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