Monday, August 5, 2024

अति सर्वत्र वर्जयेत

आज hdor खत्म हो गया रनिंग वाला,अभी साइकिलिंग वाला चालू होगा 14 sept से 
हम सब लोगो को अपने आप सब पूछना होगा कि हम ये इवेंट क्यो कर रहे है?? मकसद क्या है??
हम हमारे शरीर को क्यों तकलीफ दे रहे है ।अभी मेरा वर्कआउट बहुत कम है उसके बाद भी 600 मिनट की एक सप्ताह में इन्टेन्सिटी हो रही है ।जबकि सप्ताह में सिर्फ 150 मिनट की इन्टेन्सिटी ही पर्याप्त है।हमे सोचना चाहिए कि कही हम अपने शरीर से ज्यादा कार्य तो नही करवा रहे है।
दूसरा क्या कर रहा है उससे ज्यादा influence में न आये ।अपने को जो अच्छा लगे वो करे।
अति सर्वत्र वर्जयेत ।
सबकी प्राथमिकताये अलग अलग होती है।सबको अपने हिसाब से लक्ष्य तय करना चाहिए ।
11 वर्षो के मेरे अनुभव से मैं बता सकता हु की हम थोड़ा वर्कआउट  मॉडरेशन की तरफ करे।
आप परफॉर्म करोगे तो लोग तालियाँ तो बजा देंगे ।परंतु आपने क्या खोया और क्या पाया ये भी सोचना चाहिए।
मैने ही 2016 में सुदर्शन वर्मा को मुम्बई अल्ट्रा करते देखा था शिवाजी पार्क क्लब वाले करवाते है 15 अगस्त के बाद वाले रविवार को वो देखने के बाद ही 2018 मे पहली बार 12 घण्टे की रन करवाई थी जबसे चालू है मैने इन्दौर में 4 बार और मुंबई में 2017 में 12 घण्टे की रन की थी 
हर माह 42 km करता था हर रविवार 21 km 
फिर 21 km 21 दिन 2017
और 21 km 30 दिन भी की 
कहने का मतलब ये है कि ये सारे खेल कर चुका हूं ।अब लगता है कि कम रन करे और अच्छी ट्रेनिंग से करे।जिम जाए स्ट्रांग बने।
कामरेड करना कोई जरूरी नही है ।ये तो मैने वादा किया था विवेक सिंघल जी से 2017 में की में कामरेड करूँगा इसलिए मूड है।
अभी राजीव lath जी ने बहुत अच्छी बात कही परसो की वो कामरेड या विदेश की कोई रन नही करेंगे जब तक भारत की ढेर सारी रन जैसे लदाख और खरदुल्ला जैसी और बाकी रन न कर ले 
बात में दम तो है।
ये msg लिखने का एक ही मकसद है कि हम सोचे जरूर की हम क्यो कर रहे है ये इवेंट ।
अपने शरीर की जरूर सुने ।क्या आप अगले 20 साल दौड़ पाओगे क्या ये जरूर सोचे।
रनिंग हाई इन्टेन्सिटी एक्सरसाइज है ।इसको कम करे और क्रॉस ट्रेनिग भी करे।
आप नए लोगो को जोड़े तो समाज को ज्यादा फायदा होगा ।बजाय अपने रिकॉर्ड बनाने के लिए।
ये msg हम सबके लिए है ।मेरे लिए तो खासकर 100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली वाली बात है।
मेरी आदत है कि अपनी गलती को स्वीकारो और दूसरों को भी गलतियों से बचाओ

अभी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की बजाय  बेईमानी और चीटिंग करने की प्रवृत्ति आई है वो बहुत बुरा है।
सब वर्कआउट करे और खुश रहे एक दूसरे से आगे बढ़ने के लिए फर्जी रन और फर्जी राइड कर रहे है वैसे लोग 5%ही होंगे परन्तुं उसके कारण सबकी प्रतिष्ठा को धक्का लगता है।
आम जनता तो वैसे भी नही मानती है कि 42 km कोई दौड़ सकता है या 100 km राइड कर सकता है।

1 comment:

Anonymous said...

Golden words 💞⭐