Monday, May 16, 2016

जनसँख्या वृद्धि

देश की सबसे बड़ी समस्या जनसँख्या वृद्धि पर मोदी जी को मन की बात में उठाना चाहिए।संजय गाँधी के बाद किसी भी नेता ने जनसँख्या वृद्धि पर कभी भी जोर नहीं दिया ।क्यों ??????
क्योकि सभी पार्टियों को डर लगता है बर्र के छत्ते में हाथ डालने से।
हमारे संसाधन वही है हमारी आबादी बढती जा रही।जंगल ख़त्म हो रहे है।नलकूप और कुओ में जो15 फीट पर पानी आ जाता था आज से 20 वर्ष पूर्व आज 300 फीट पर भी पानी नहीं आ रहा है।
अगर चीन 2 बच्चो पर परिवार नियोजन की नीती अपना सकता है तो हम क्यों नहीं।
चीन ने तो पिछले 15 सालो से एक परिवार एक बच्चा की नीती अपना रखी है।
24 घंटे खबरिया चैनल चलाने वाले चैनल के पास इतने बढे मुद्दे पर कोई बहस नहीं।
आज गरीबी बेरोजगारी महगाई अशिक्षा सभी आबादी बढ़ने का दुष्परिणाम है।
में उम्मीद करूँगा की मेरी बात नरेन्द्र मोदी जी तक पहुचे और जिस प्रकार से स्वेच्छा से गैस सब्सिडी छुडवाने की अपील की उसी प्रकार कम बच्चे पैदा करने की अपील करना चाहिए।
2 बच्चो से ज्यादा होने पर राशन न मिले।दूसरी सुविधाए न मिले।
सरकारी नौकरी न मिले।बैंक से लोन न मिले।अतिरिक्त टैक्स लगाया जाये।
कुछ ऐसे उपाय करना होंगे ।
पहले परिवार नियोजन के विज्ञापन आते थे उन्हें वापस चालू करना चाहिए।दूरदर्शन और प्राइवेट चैनल को कहा जाये की आबादी नियंत्रण के विज्ञापन दिखाए और उस पर सार्वजनिक बहस कराये।
डॉ योगेन्द्र व्यास
देश का एक जिम्मेदार नागरिक

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