19मार्च 2017 को मुझे 42 km का रन करना था 5 घंटे में ।वो मैंने 2 मिनट पूर्व पूरा कर लिया डॉ अमित बंग, विजय सोहनी जी, डॉ गोखले सर ,मैडम ,अखिलेश जैन की बदौलत ।सभी ने आखिरी एक घंटे में जोश बनाये रखा। मेरे मन में एक ही विचार चल रहा था अभी नहीं हुआ तो कोई बात नहीं अगली बार करूँगा परन्तु अमित पीछे पड़ा था इस बार ही करना है और हो गया। फिर सेलिब्रेशन हुआ संजीवजी बहुत बढ़िया चॉकलेट ले कर आये थे ।विजयजी ने मेरी स्ट्रेचिंग करायी और इस प्रकार 25 वी फुल मैराथन हो गयी ।फिर सोमवार को आराम किया और मंगलवार को 10 km की दौड़ लगा दी स्लो पेस में फिर बुध को भी 10 रन कर लिया और पोस्ट की की 10km प्रतिदिन करेंगे tuffman जैसा 25 दिन तक। संजीव राजदान जी ने पूछा की ये व्यक्तिगत स्पर्धा है या ग्रुप की ऑफिसियल स्पर्धा ।और फिर निर्णय लिया की इंदौर सुपर चार्जर ग्रुप 10 km और 5 km की सुपर पॉवर रन और पॉवर रन स्पर्धा रखेगा 25 दिन के लिए।
23 तारीख को मैंने सुपर कॉरिडोर पर 21 km रन किया और पोस्ट किया की में 5 दिन तक 21 km करूँगा उस समय अमित ने कहा की आप 5 के बाद कहा रुकने वाले हो।
शुरू की 5 हाफ मैराथन मैंने सुपर कॉरिडोर और vip road मरीमाता पर की परन्तु में परेशान हो गया कुत्तो से ।सुबह 5 बजे के समय रन करते समय कुत्तो से बचना होता है में जेब में पत्थर लेकर रन करता था। रोड पर रन करना बहुत मुश्किल है फिर फैसला किया की davv यूनिवर्सिटी में रन करूँगा। वहा पर भी कुत्ते मिले परन्तु 3 -4 दिन बाद वो पहचानने लग गए।
जब 10 हाफ मैराथन हो गयी तो ऐसा लगने लगा की बहुत हो गया कही इंजरी न हो जाये ।रोज सुबह साढ़े 3 बजे उठना और फिर एक ब्रेड बटर और चाय लेना। फिर 5 बजे davv पहुचना रोज जब भी स्टार्ट करता पैर के नखरे चालू हो जाते ।दौड़ते ही नहीं बनता था शुरू के 5 km में 8.15 का पेस रहता था और जब ख़त्म उस समय 7.52 के अन्दर का पेस होता था। मैंने एक बात सीखी की 25 दिनों में 500 km रन किया प्रतिदिन स्टार्टिंग लाइन पर पहुच जाओ आपका टारगेट पक्के से पूरा होगा। कोई डरने की जरुरत नहीं ।में हमेशा कहता हु की मैराथन करने के लिए उसका फॉर्म भरो और स्टार्टिंग लाइन पर खड़े हो जाओ आप का टारगेट जरुर पूरा होगा।
मैंने 21 km प्रतिदिन करने का विचार अवनीश उपाध्याय जी से लिया था आज से 2 वर्ष पूर्व उन्होंने बताया था की कुछ लोग पुणे में 21 km प्रतिदिन रन करते है 21 दिन तक।
यह मानसिक शक्ति से ही हो सकता है। आपका शरीर तो रोज न कहता है। की आप ज्यादा कर रहे हो मत करो मत करो ।
परन्तु यदि आपने ठान लिया है तो शरीर मन के आगे समर्पण कर देता है। जो करना हो वो करो ।
मैंने अपने मन में टारगेट रखा था की 2.45 hr जो कट ऑफ समय है 21 k का उसी में सभी हाफ मैराथन करूँगा। वो एक ब्रेकर जैसा था। मतलब जब भी आप 21 km 2.45 hr में नहीं कर पा रहे हो मतलब आपकी बॉडी थक चुकी है।सभी 21 रन मैंने नेगेटिव स्प्लिट के साथ की। सभी में avg hr 140 रही ।यह 2 लक्षण ऐसे थे जिससे में आगे बढता रहा।
16 मैराथन के बाद मुझे severe tendoachilis का दर्द हुआ ।उस दिन घर आकर मैंने हिम्मत हार दी और ग्रुप में भी पोस्ट किया की अब में नहीं करूँगा। रात तक रिकवरी हो जाती थी ।मैंने बर्फ से लेफ्ट ankle की सिकाई की ।तेल मालिश की। परन्तु मैंने 21 दिन में कभी भी analgesic टेबलेट नहीं ली ।
मेरा शुभचिंतको को चिंता थी की अब अति हो गयी है। परन्तु जूनून भी एक चीज होती है। में अपनी बॉडी की आवाज को हमेशा सुनता हु। मैंने ग्रुप से ये वादा किया था की में injured नहीं होऊंगा आप सभी चिंता न करे में प्रतिदिन छोड़ने को तैयार रहता था। मुझे रिकॉर्ड बनाने की तीव्र इच्छा थी परन्तु अपने आप को बचाना भी था।
आखिरी के 10 दिनों में मुझे davv से काफी अच्छा सहयोग मिला। श्रीकांत भाले जी ,युगांक तिवारी, अखिलेश जैन ,संजय बिरला जी, गुरिंदर जी ,मंगा जी, अजय जांग जी, अमित बंग ,प्रवर पासी और मैडम, डॉ js टुटेजा ,और मैडम गोखले मैडम,अपूर्व जी ने रन भले न किया हो परन्तु वो रोज हौसला अफजाई करने जरुर आते थे
नीरज याग्निक जी का विशेष जिक्र करना चाहुगा जब मेरे 209 km हुए थे। उस समय का उनका सन्देश
"Dr sab 11दिन और 209 km अद्भुत प्रदर्शन,गज़ब का अनुशासन शारीरिक से कही अधिक दिमाग़ी संघर्ष।महीनेभर मे 500 km मुझे नज़र आ रहे है.....हां स्वास्थ्य का ख्याल जरूर रखिएगा क्योंकि वो सबसे ज़रूरी है।„
उनका यह सन्देश मुझ में जोश भर गया फिर भी सच्चाई मुझे मालूम थी की में तलवार की धार पर चल रहा हु। कभी भी में इन्जुरेड हो सकता हु ।इसलिए मैंने एक फिलोसोफी सोचली थी की क्विट करने को तैयार रहो और दौड़ते रहो।
beetroot का मैंने काफी उपयोग किया इससे आपका स्टैमिना बढता है और रिकवरी फ़ास्ट होती है।
आखिरी 3 मैराथन में तो सभी की इच्छा थी की अब तो हो ही जाना चाहिए ।डॉ पांडे सर ने मुझे व्यक्तिगत सन्देश दिया की आप comfortable है तो जरुर करे। एक दिन सर आये और साथ में दौड़े भी। बुधवार 12 को लास्ट 21 km था ।सोम मंगल को जब मैंने 21k पूरा कर लिया था तो में बेफिक्र था की अंतिम 21 km तो मेरे सारे दोस्त ही मुझे करवा देंगे ।अकेले रन करना बहुत मुश्किल होता है। जो कोई भी 21 ×21 attempt करे उसको में सलाह दूंगा की एक पार्टनर जरुर ले ले जो सारे रन में साथ हो।
12 अप्रैल को में बिलकुल नर्वस नहीं था ।सुबह 4.45 पर रन चालू की ।श्रीकांत भाले जी मिल गए 2 km के बाद फिर डॉ रजनीशजी मिल गए 5 km पर ।
6 km पर rajeeish जैनऔर अर्पित जैन मिल गए फिर तो स्पीड भी बढ गयी। राजेश पोरवाल जी अपूर्व्जी संजय बिरला अखिलेश जैन डॉ गोखले सर और मैडम संजीव राजदान और भाभी प्रियव्रत और सोनियाजी अंशु मैडम सागर अजयजी आदि सभी दोस्तों के साथ 21×21संपन्न हुआ फिर सेलिब्रेशन हुआ डॉ जीतेन्द्र ने सुन्दर सी तस्वीर दी। और संजीव जी ने और सभी लोगो ने मुझे हीरो जैसा कंधे पर उठा कर गुमाया वो पल में कभी नहीं भूल सकता हु सभी मित्रो का बहुत बहुत धन्यवाद।
यह कहानी इंदौर के सभी रुन्नेर्स को प्रेरित करेगी ऐसी आशा है मुझे। कोई व्यक्ति किसी भी उम्र में कुछ भी कर सकता है बस सोच ले और अपनी सारी मानसिक शक्ति उस पर लगा दे।24 घंटे दिमाग में जिद लेकर रखने से ही यह हो सकता है।
वापस से सभी का धन्यवाद इसे पढने के लिए।
डॉ योगेन्द्र व्यास
dryvyas@rediffmail.com
17 april 2017
Monday, April 17, 2017
503 km in 24 days .21 half marathons nonstop 21 days
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