सिंगापुर मैराथन एक यादगार मैराथन थी। वहा पर नाईट मैराथन होतीहै।
उसकी तैय्यारी के लिए 2 माह तक इंदौर में देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में मै ,विजय सोहनी जी ,अमित बंग ,संजीव राजदान ,कपिल खंडेलवाल,आशुतोष शर्मा,डॉ जी एस टुटेजा आदि हम लोग प्रैक्टिस करते थे ।रात को 9 से 12 बजे तक प्रैक्टिस करते थे।
नाईट मैराथन करना थी इसीलिए हम लोग रात को 3 घंटे की रन करते थे जिससे की हमारी प्रैक्टिस हो जाये।
सिंगापूर हम दो दिन पूर्व पहुचे।4 तारीख को रात को रेस थी ।हम लोग फॅमिली सहित पहुचे थे जिससे की सिंगापूर भी घूम ले और दौड़ भी ले। करीब 7000 धावको ने भाग लिया स्टार्टिंग लाइन पर पहुचने में 30 मिनट लग गए 1000 के ग्रुप को छोड़ रहे थे। वहा पर नियमित तौर पर शनिवार रात को रेस होती है। वहा पर 42 km पूर्ण करने का कट ऑफ समय 8 घंटे रहता है
मतलब की वहा पर 11 मिनट और 26 सेकंड में एक किलोमीटर करके भी आप मैराथन पूरी कर सकते हो। शहर की बजाय समुद्र किनारे के पार्क साइड में मैराथन होती है। मैराथन 1 बजे चालू हुयी और करीब 6 घंटे 40 मिनट में मैंने पूरी की ।ये मेरी पहली बेयरफुट मैराथन थी ।देश का झंडा पीठ पर लगा कर 42 की ।
कंक्रीट काफी उबड़ खाबड़ था मेरे पैर में काफी गढ़ रहे थे ।रोड डीवाडर पर जो पेंट लगा होता है वो जगह स्मूथ हो जाती है में उस पर दौड़ रहा था। वहा के लोकल बड़े मजे में दौड़ रहे थे और कही जगह टेबल लगी थी खाने पीने का सामान था और लोग बैठ कर खा पी रहे थे।
काफी जगह स्ट्रीट लाइट ही थी हलकी हलकी सी ।मेडिकल फैसिलिटी नहीं थी और कोई स्पांसर या कोई होर्डिंग नहीं ।वहा दौड़ना सामान्य बात है वहा के लोगो के लिए जैसे की पिकनिक पर जा रहे हो।
सिंगापूर में एक ओलिंपिक पार्क है वहा पर शाम को 5 बजे से 11 बजे तक साइकिल चलाते हुए लोग मिल जायेगे दौड़ते हुए लोग मिल जायेगे ।ओलिंपिक पार्क में कोई भी व्हीकल की अनुमति नहीं है।
सुबह 7.40 पर मेरी रेस फिनिश हुयी तो विजय सोहनी जी और अमित बंग मेरा इन्तेजार कर रहे थे। बहुत अच्छा लगा। अमित और में टैक्सी करने निकले होटल के लिए तो में बिलकुल नहीं चल पा रहा था। हमने एक टैक्सी को हाथ दिखाकर रोका तो वह नाराज हो गया की चाहे जहा टैक्सी नहीं रूकती है। पहले बुक करना होता है ड्राईवर ने देखा की में चल नहीं पा रहा हु और पूरी तरह थका हुआ था तो गाड़ी रोकी।
9 बजे रात्रि को हम रेस के लिए तैयार थे खाना भी नहीं खाना था क्योकि खाना खा कर दौड़ नहीं सकते तो हम लोगो ने केले और ब्रेड सैंडविच खाए और 1 बजे रात तक वही रुके रहे। काफी उत्साह पूर्ण माहोल था।
हेमा और मेघना का रजिस्ट्रेशन मुझे लग रहा था की मैंने करवाया है जबकि में भूल गया था बेटी काफी अपसेट हुयी ।वहा के रनिंग के काउंटर पर स्टाफ काफी सहयोगी था उन्होंने सभी टाइप से नाम मोबाइल नंबर से सर्च किया ।
कुल मिला कर एक यादगार मैराथन रही ।
Monday, July 17, 2017
सिंगापुर मैराथन 4 जुलाई 2015
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