अगस्त 2013 में पहली बार 9 km रनिंग की घर से लेकर खजराना मंदिर तक ।एक घंटा और 15 min लगे थे।फिर वहा से ऑटो से वापस आ गया था ।उसके बाद एक बार सितम्बर में खजराना तक आना जाना पूरा किया 2घंटा 45 min में।
फिर डॉ प्रवर पासी सर को बताया की में मुंबई मैराथन करना चाहता हू 21 km करू या 42 km पासी जी का जवाब था बगैर प्रैक्टिस 18 km रन कर लिया है तो 42 km ही करो।
डिसेम्बर 2013 और जन 2014 में मैंने 6 सप्ताह तक प्रति सप्ताह 42 km रन किया।
इसके लिए डॉ gs टुटेजा ने suggest किया की 25 से 30 km तो कर लेते हो बॉम्बे में 42 km करना है तो प्रैक्टिस कर लो।
जिद में आकर मैंने 5 wks यही 42 km किया 5.40 to 6 hrs में।
डॉ संग्रामसिंह ने मुझे मना किया था की 32 km से ज्यादा मत करो।
मेरी गलती थी मैंने नहीं माना।
और मुंबई मैराथन 2014 के बाद 6 माह तक ankle injuries से ग्रसित हो गया।6 माह सिर्फ थोड़ी सी साइकिलिंग और स्विमिंग करता रहा।
जुलाई 2014 में मुंबई मैराथन का फॉर्म भरा 2015 के लिए।
14 dec 2014 में इंदौर से sanver रोड पर 29km की दौड़ रखी थी।उसमे विजय सोहनी जी कपिल खंडेलवाल आशुतोष शर्मा नितिन दिक्षित डॉ अमित बंग डॉ टुटेजा आदि runners थे ।
इस दौड़ के 3 दिन पहले 9.5 km रन किया था 60 min में 6.13 pace पर
मेरे पैरो में दर्द था ।लेफ्ट knee में दर्द था 9.5 km तेज रन करने के बाद मुझे रन नहीं करना था परन्तु मैंने कभी भी किसी की नहीं सुनी।कभी कभी किसी की सुनने से फायदा भी होता है ।मैंने knee कैप पहन कर रन किया 14 km के बाद आशुतोष कपिल और नितिन ने मुझे कहा की कार में बैठ जाओ और में अपनी जिद के साथ दौड़ता रहा अमित बंग मेरे आगे रन कर रहे थे मैंने पैन किलर स्प्रे करके भी 29 km 3 घंटे 53 min में कर ली।
बस कहानी यही से चालू होती है।मेरे घुटने के ant cruciate ligament में tear हो गया और मेरी रनिंग almost बंद हो गयी एक माह बचा था मुंबई मैराथन 2015 में।
मैराथन के पहले वाले सन्डे में davv में रन कर रहा था दर्द हो रहा था ।
डॉ ranjanpreet मैडम को बताया की मुंबई नहीं जा पाउँगा क्योकि दर्द है 10 km भी रन नही कर पा रहा हू।
उसी दिन मैंने 21 km रन किया मैंने तय किया था की यदि मै 21 km रन कर लूँगा तो ही मुंबई जाऊंगा।
मुझे इतना दर्द था की 10 दिन पहले मैराथन के डॉ दिनेश जैन गीतांजलि हॉस्पिटल चौराहे पर मिल गए और कहा की आप 42 कैसे करोगे पैरो में मोच जैसा लग रहा है।मै दो तीन km की वाक ही कर पाता था।में इसलिए ये लिख रहा हू की हमारे सुपर चार्जर ग्रुप में काफी लोग injured होते है रेस्ट नहीं करते है।जिससे काफी तकलीफ होती है।घायल होकर आप फाइटर तो दिख सकते हो परन्तु अपने शरीर को नुकसान कर लेते हो।
2015 मैराथन के एक दिन पहले विजयजी ने मेरी चाल देखी और कहा की आप को अभी भी दर्द है कैसे दौडोगे।
उस रात कपिल और आशु ने मेरी बहुत हिम्मत बड़ाई।
इसमे कोई शक नहीं की आदमी की इच्छा शक्ति हो तो वो कुछ भी कर सकता है परन्तु हमें एसी बेवकूफी नहीं करना चाहिए।
मुंबई मैराथन2015 की मैंने 6 घंटा 20 min में आखिरकार कर ही ली।
फिर इंदौर मैराथन 2015 की दर्द के साथ फिर मैंने एक माह फिजियोथेरेपी ली।सेक किया ।
हल्दी शहद का लैप लगाया ।और knee इंजरी से रिकवर हो गया।
रनिंग बंद कभी नहीं की।कम स्पीड में करता रहा।कभी स्विमिंग कभी साइकिलिंग करता रहा।
फिर अप्रैल 2015 में davv में 42 km रन किया ।
4 जुलाई को सिंगापुर में barefoot 42 km किया।जब तक में इंजुरी मुक्त था।6 nov को बैंगलोर में 50 km रन किया उसके बाद 15 दिन बाद वापस इंदौर में davv में 50 km रन किया ।अपने शरीर को रिकवरी का मौका नहीं दिया और मंथली मैराथन चालू कर दी।मंथली मैराथन अमित बंग अवनीश उपाध्याय संजीव राजदान और मेरा आईडिया था की यदि हर माह 42 करे तो जो 30 से 42 km में मरते है वो नहीं मरेंगे।हम used to हो जायेंगे।
उसी प्रोसेस में एक बार राजेश पोरवाल जी को अलग स्टाइल में रन करते देख मैंने भी 21 km से 32 km रन कर लिया जब से मुझे ileotibial band का दर्द सीधे पैर में होना चालू हो गया।जब भी में 10 या 15 या उसके ऊपर रन करता दर्द चालू हो जाता ।
फिर भी मैंने अपनी मंथली मैराथन बंद नहीं की ।इसे जिद कहे या पागलपन।में चाहता हु की कोई एसी गलती न करे।में सभी लोगो को रनिंग के लिए प्रेरित करने के चक्कर में injured होता गया।
2016 की मैराथन के पहले वापस वो ही situation की में 42 कर पाउँगा या नहीं।इस बार भी 5.40 घंटे में कर ली।
मुझे विवेक सिंघल जी ने कहा था की रेस्ट करो मैंने उनकी बात नहीं मानी ।सभी मेरे शुभचिंतक है सभी ने मुझे आराम का कहा।
अभी 15 दिन पहले में अपने 19 फुल मैराथन के टाइम देख रहा था तो मुझे लगा की मैंने काफी लोगो को रनिंग के लिए प्रेरित कर दिया है ।मैंने फैसला किया की में मंथली मैराथन और वीकली 21 km नहीं करूँगा ।सभी को मेरा फैसला पसंद आया।विजय सोहनी जी
अमित बंग और विवेक सिंघल जी को खास कर।
अब मैंने अपना टारगेट बनाया है 2017 मुंबई मैराथन 5 घंटे में करना है।
सभी धावको से में निवेदन करूँगा की रन करे फन करे परन्तु injuries से बचे सभी का शरीर अलग अलग है।सब की परिस्थितिया अलग अलग है।सबका अपना अपना basic बदन है।तुलना करके और घायल होना कोई बहुत बड़ा काम नहीं है।herogiri से बच कर अपना वर्कआउट करे।
सभी injuries से अगर आप बचना चाहते है तो कभी भी ज्यादा वर्कआउट अपनी क्षमता से ज्यादा न करे।
too early
too much
workout leads to injuries
अगर आप मैराथन ट्रेनिंग के guideline से चलेंगे तो कभी injuries नहीं होगी।
asics
nike
mumbai marathon
runnersworld
पर ये प्रोग्राम मिल जायेंगे।
injuries से बचना है तो रेगुलर योगा और muscle strengthening करे ।रनिंग के पहले और बाद में स्ट्रेचिंग जरुर करे।
planks
hamstring
quadriceps
glutes को मजबूत करे
वेट ट्रेनिंग करे
रोप skipping
pushup
squat
करे
हिल ट्रेनिंग और इंटरवल ट्रेनिंग जरुर करे जब आपका मन ना करे रेस्ट करे या वाक करे या स्विमिंग करे
listen to ur body
मुझे उम्मीद है की मेरा ये अनुभव किसी रनर को काम आएगा।
दर्द का रिश्ता को पढने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
Thursday, April 14, 2016
दर्द का रिश्ता है मैराथन से
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1 comment:
Nice article sir apoorv
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